नौकरी का फल ना जाने कैसा है ये फल सब यही सोचते है रात रात जगकर फिर सपनो में इसे ही टटोलते है एक चाय की प्याली ओर अधूरा सा खाना और पढ़ते पढ़ते चटाई पर ही सो जाना आज के युवा अधूरा सा जीवन जीते है कैसी है ये नौकरी सब यही कल्पना करते है सरकारी नोकरी की ख्वाहिश... #nojotoapp #nojoto #nojotonews #nojotochallange #nojotopoetry #nojotostar Raj Saini 'निर्मेय' Deepak Singh FIVE STAR 5235 MN Junaid Mirza neeru