पतझड़ की महीने आसमा में जब बादले उमड़ेगी तब घनघोर बारिश आएगी पेड़ भी झूम उठेंगी जब हवाएं गुंगनाएगी नए नए पतिया निकलेगी तब बागो में रागी तितलिया गाएगी जब बागो में हरियाली होंगी कालिया भी मुस्काएगी ढलती शामों के साथ जब तारे जगमगाएगी काली अमावस की रातों में जब घनी अंधेरा छाएगी तब नभ की लाली शाखो पे नज़र आएगी दरिया बादलों का जब शीतलता बनाएगी कभी ठंडी हवाएं , कभी गर्मी , तो कभी सुरिली हवाऐं भी सर्माएगी तब पतझड़ की मौसम अपनी रंग दिखाएगी ©Payal firdosh ##पतझड़ की महीने ## #OneSeason