अगर ये जंग है तो चलो जंग ही सही, चेहरे पे नूर ना सही बदरंग ही सही, हम आज भी उड़ते हैं उन्हीं आसमान में, डोर से टूटी कटी पतंग ही सही ।। कटी पतंग