मेंहदी तेरे नाम की, हाथों में सजाए हूं, मिलन की लगन में, जाने कितने सपने संजोए हूं, धड़कनें बस में नहीं मेरे, आ भी जाओ ना, कितना तरसाओगे, मेरे होंठों की ऊष्मा को भी है इन्तज़ार तेरा। 🌝प्रतियोगिता-43 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷" मेहंदी तेरे नाम की"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I