गौरीशंकर नीत हो अग जग सजग सुदीप हो तेरे मेरे नेह का ऐसा शाश्वत गीत हो गंगा सा युग-युग बहे काशी सा अभीत हो चंदा सा सिरमौर हो कोमल किरणिम भोर हो एकनिष्ठ विश्वास हो एक दूजे की आस हो सहज कल्पना नयन दृष्टि तुम साकार हो नयनों में दीपित मधुरिम स्वर्णिम हृदय प्रकाश हो तेरी धारणा धरा हूँ मैं प्रसृत मेरे आकाश हो प्राणों में निवास हो ऐसा पुण्य समास हो #toyou #भवानीशंकर #yqlove #yqdevotion #yqsensibilities #yqlingeringin #yqyouandme