गुरु की महिमा अपरम्पार हैं, इसके पावन चारणों में आशीषों का भंडार हैं, आ जा तू गुरु की शरण मे,तेरा जीवन सँवर जाएगा, थाम गुरु का हाथ,तू अर्जुन व एकलव्य सा महान शिष्य बन जायेगा, हर युग मे होता गुरु का मान सम्मान, वेदों में होता इसी का गुणगान, हे गुरुवर रखना कृपा हम पर भी,तेरे साये में रहकर हम कर्म करे महान। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 💫आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं..🙏🙏 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-27 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥27:- गुरु की महिमा