रेत पर लिखा हुआ था कुछ जिसे हम पढ़ न सके कभी, जब्त से काम लिया दिल ने तो क्या फक्र भी करूँ। इसमें क्या इश्क की इज्ज़त थी, कि रुसवा न हुआ। वक्त फिर ऐसा भी आया कि उससे मिलते हुए, कोई आँसू भी ना गिरा कोई तमाशा ना हुआ।। रेत पर लिखा था कुछ, पढ़ नहीं सके जिसको। #रेतपर #collab #yqdidi #सुचिता #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #suchitapandey रेत पर लिखा हुआ था कुछ जिसे हम पढ़ न सके कभी, जब्त से काम लिया दिल ने तो क्या फक्र भी करूँ।