*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“12/1/2022”*📚 🖋️*“बुधवार”* 🌟 हम “जीवन” में कई बार लोगो से मिलते है “नेत्रों” से उन्हें देखते है और हमें वो इतने “अच्छे” नहीं लगते है, अब ऐसे में क्या करना चाहिए ? “मन” से उन्हें “देखना” चाहिए, उनके “रूप-रंग” को नहीं,उनके “व्यवहार” को, उनके “गुणों” को हमें देखना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि जैसे ये “नीम के पत्ते” कड़वे है किंतु हमारे “शरीर के लिए लाभदायक” होते है, ठीक वैसे ही ये “लोग” जो हमें “नेत्रों” से नहीं भाते है,जिनका “रूप-रंग” हमें नहीं “भाता”, हो सकता है वो हमारे “जीवन” को पूर्ण रूप से “परिवर्तित” कर दे, हो सकता है उनमें उतनी “क्षमता” हो, हमें “सुख”,“शांति” और “प्रेरणा” प्रदान करे, हमारे “दुःख” को हर ले,हमें नई “दिशा” दिखाए, इसलिए जब भी किसी भी “व्यक्ति” को देखें तो “नेत्रों” से नहीं “मन” से देखे,“रूप-रंग” को नहीं “गुणों” को देखें,“व्यक्ति” को और भी उचित प्रकार से देख पाएंगे और ये “मन” सदैव “प्रसन्न” अवश्य रहेगा... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“12/1/2022”*📚 🖋️ *“बुधवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“नेत्र से नहीं”*