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बुलडोजर पीली वर्दी इसकी भाती ; साथ चले जब खाकी ।

बुलडोजर

पीली वर्दी इसकी भाती ; साथ चले जब खाकी ।
अब नहीं जरूरी बंदूक गोली; नहीं जरूरी लाठी ।
बस हाथ बढ़ाकर कर देता है ; सपनों को मलबा !
छा गया है योगी बाबा के   बुलडोजर का जलवा ।
आओ अब पत्थर चलाओ ; और फैलाओ  दंगा ।
मानवता को शर्मसार करो ; और खुद को  नंगा ।
पी लो अब खून भी थोड़ा ; बहुत भकोसे हलवा ।
छा गया है शिव मामा के  बुलडोजर का जलवा ।
आग इतनी भड़क गई है ; क्या हो 'पानी' चिल्लाये ?
है जिसे जरूरत राख की ; दमकल क्यूँ  मँगवाये ?
इसी राख की ढ़ेर पर तो; प्रस्तावित है शीश महलवा ।
अजी ! छा गया है देखो मामू के बुलडोजर का जलवा ।
विश्वगुरु बना कर ही छोड़ेगा; अंदेशा तो लगता है ।
घुमा देता है मुंह जिधर ; उधर ही भाग्य जगता है !
खिलता इसकी महिमा से देखो; पानी बिन कमलवा ।
छा गया है चहुंओर मामा के   बुलडोजर का जलवा । #satire #dirtypolitics #communalharmony
बुलडोजर

पीली वर्दी इसकी भाती ; साथ चले जब खाकी ।
अब नहीं जरूरी बंदूक गोली; नहीं जरूरी लाठी ।
बस हाथ बढ़ाकर कर देता है ; सपनों को मलबा !
छा गया है योगी बाबा के   बुलडोजर का जलवा ।
आओ अब पत्थर चलाओ ; और फैलाओ  दंगा ।
मानवता को शर्मसार करो ; और खुद को  नंगा ।
पी लो अब खून भी थोड़ा ; बहुत भकोसे हलवा ।
छा गया है शिव मामा के  बुलडोजर का जलवा ।
आग इतनी भड़क गई है ; क्या हो 'पानी' चिल्लाये ?
है जिसे जरूरत राख की ; दमकल क्यूँ  मँगवाये ?
इसी राख की ढ़ेर पर तो; प्रस्तावित है शीश महलवा ।
अजी ! छा गया है देखो मामू के बुलडोजर का जलवा ।
विश्वगुरु बना कर ही छोड़ेगा; अंदेशा तो लगता है ।
घुमा देता है मुंह जिधर ; उधर ही भाग्य जगता है !
खिलता इसकी महिमा से देखो; पानी बिन कमलवा ।
छा गया है चहुंओर मामा के   बुलडोजर का जलवा । #satire #dirtypolitics #communalharmony