तेरी एक झलक जो पाई है आंखों में बस तेरी ही मस्ती छाई है, कहाँ नहीं है तू बता ऐ मौला! हर तरफ दिखती हमें तेरी खुदाई है। धरती में दिखता तू है अंबर में दिखता बस एक तू ही तू है, दुनियां के हर कण कण में मुझको दिखती बस तेरी परछाई है। ♥️ Challenge-495 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।