गुमनाम मैं गुमनाम सी मेरी ज़िन्दगी। क्या इसी को कहते हैं जीना हँसी खुशी। गुमनाम सी ज़िन्दगी मेरी कभी किसी के काबिल ना हो सकी। ना मिली कामयाबी ना मिली शोहरत अपनी ही दिल में दाखिल ना हो सकी। ज़िन्दगी वीरान थी मौत भी गुमनाम ना हो। मुझे गले लगा लो एक बार तो प्यार दे दो। एक बार गले लगा लो एक बार झूठा प्यार तो दे दो। आखरी बार दीदार दे दो चाहें मौत हज़ार दे दो। ♥️ Challenge-810 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।