यार आजकल तेरी कमी सी लगती है, ये रास्ते भी अब अजनबी सी लगती है || whatsapp पर Massage, भर जाती थी पहले, पर साला मोबाइल भी अब ख़ामोश पड़ी रहती है || जी करता है एक बार, बात कर लू तुमसे, पर कॉल करूँ या ना करूँ, ये ग़लतफ़हमी लगी रहती है || कोशिशें की एक बार मिललूँ तुमसे , पर पहले जैसा वक़्त, अब कहाँ मिलती है || सोचने पे मजबूर हूँ कि दूरिया बढ़ाई किसने , बाद में पता चला की ये साज़िशें तुम्हारी ही लगती है || यार आजकल तेरी कमी सी लगती है ये रास्ते भी अब अजनबी सी लगती है || ©Muradi Shahid यार आजकल तेरी कमी सी लगती है #muradishahid #muradishahidpoetry #muradishahid #muradi_shahid #lovepoetry #urdulovers #urdulovepoetry #OneSeason