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मेरा उसे देखने का मन था, सोचा आरज़ू पूरी कर लूं।

मेरा उसे देखने का मन था,
सोचा आरज़ू पूरी कर लूं।

पहली बार गया वो नहीं दिखी
दूसरी बार में भी नहीं मिली,
तीसरी बार में जरा दिखी,
चौथी बार में कोई साथ
पांचवीं बार में वो दिखी

पहली बार में हेलो बोला
दूसरी बार में कैसे हो,
तीसरी बार में और बताओ,
चौथी बार में टौफी थी
पांचवीं बार में खामोशी,
छठवीं बार में क्या चल रहा है
 सातवीं बार में बहस हुई,
 आठवीं बार में झड़क,
 नौवीं बार में बात खत्म

©Neerav Nishani मेरा उसे देखने का मन था,
सोचा आरज़ू पूरी कर लूं।

पहली बार गया वो नहीं दिखी
दूसरी बार में भी नहीं मिली,
तीसरी बार में जरा दिखी,
चौथी बार में कोई साथ
पांचवीं बार में वो दिखी
मेरा उसे देखने का मन था,
सोचा आरज़ू पूरी कर लूं।

पहली बार गया वो नहीं दिखी
दूसरी बार में भी नहीं मिली,
तीसरी बार में जरा दिखी,
चौथी बार में कोई साथ
पांचवीं बार में वो दिखी

पहली बार में हेलो बोला
दूसरी बार में कैसे हो,
तीसरी बार में और बताओ,
चौथी बार में टौफी थी
पांचवीं बार में खामोशी,
छठवीं बार में क्या चल रहा है
 सातवीं बार में बहस हुई,
 आठवीं बार में झड़क,
 नौवीं बार में बात खत्म

©Neerav Nishani मेरा उसे देखने का मन था,
सोचा आरज़ू पूरी कर लूं।

पहली बार गया वो नहीं दिखी
दूसरी बार में भी नहीं मिली,
तीसरी बार में जरा दिखी,
चौथी बार में कोई साथ
पांचवीं बार में वो दिखी

मेरा उसे देखने का मन था, सोचा आरज़ू पूरी कर लूं। पहली बार गया वो नहीं दिखी दूसरी बार में भी नहीं मिली, तीसरी बार में जरा दिखी, चौथी बार में कोई साथ पांचवीं बार में वो दिखी #Health #writercommunity #Neeravnishani #LalitShihir