लगा सकती हूँ गले खुद को लेकिन वो सुकून नही मिलेगी रख सकती हूँ, कंधे पर हाथ खुद, मगर आँखों की वो चमक कहाँ मिलेगी जो खुसबू है अपनेपन में, वो इत्र गुलाब में कहाँ मिलेगी। ✍️सपना महतो @sapna #rajnandini#