सोने से जीवन का सुनहरा आज करना इस दिन नूतन आगाज़ छेड़ देना मन के तारों के साज़ पहनना प्रेम से जड़ा स्वर्ण ताज पार कर लिया जो ये समंदर ना रह पाएगी चिंता भीतर जीवन का है यह इक सार न रखो इस मन पर भार जानो हर क्षण का ये राज़ समय में न होती आवाज़ छोड़ दो कुछ झूठे रिवाज़ बनाओ एक नाव चैतन्य समाज ।। #nojotohindi#नवनिर्माण#कविता#poetry#समाज#goodmorning