अपने आखरी वक़्त पर, मेरी देह को किताबों की सेज पर लेटा कर, किताबों से ही दफना देना । ये वही किताबें होंगी जो मेरे जेहन में आखरी सांस तक ठहरी हुई थी । और अपने साथ, मैं ले जाऊंगा, न जाने कितने किस्से, कहानियां और कविताएं । भला कौन कहता हैं, मृत्यु आने पर, इंसान सब यही छोड़ जाता हैं !!! -गौरव© #syahi2020