एक ख़्वाब था ज़िन्दगी तेरे साथ जीने का अब ये उम्र सारी तेरे बिन बसर करना है ।। तेरी बाहों में सर रख कर सोना था मुझे अब तेरी यादे ले कर ता उम्र जागना है ।। शीशे से ख्वाब टूटे तो चुभते है आंखों में कभी सीने से लगाना था अब तुझ बिन तड़पना है ।। तेरी आरजू के चमन में फैले है साये खिजा के तेरी जुदाई में अब मुझे वीरान रहना है ।। ये ज़िन्दगी बोझ के सिवा बाकी नहीं कुछ जैसे तैसे काट के इस दुनिया से निकालना है ।। #Khawab #बसर - काटना #चमन - garden #khiza - सूखा Veeraan- सूनसान #Nojotohindi #Nojotonews