Nojoto: Largest Storytelling Platform

है मेरी परवरिश में हाथ माँ का थोड़ा सा ज़्यादा, तभ

है मेरी परवरिश में हाथ माँ का थोड़ा सा ज़्यादा,
तभी अब तक मेरे अंदर का बच्चा सांस लेता है ।।

©Deep Thapliyal बड़े होने का अहसास दिला के जिंदगी झिंझोड़ देती है, 
बचपन तब ही खत्म हो जाता है, जब माँ डांटना छोड़ देती है ।।

गुड मॉर्निंग।।
है मेरी परवरिश में हाथ माँ का थोड़ा सा ज़्यादा,
तभी अब तक मेरे अंदर का बच्चा सांस लेता है ।।

©Deep Thapliyal बड़े होने का अहसास दिला के जिंदगी झिंझोड़ देती है, 
बचपन तब ही खत्म हो जाता है, जब माँ डांटना छोड़ देती है ।।

गुड मॉर्निंग।।

बड़े होने का अहसास दिला के जिंदगी झिंझोड़ देती है, बचपन तब ही खत्म हो जाता है, जब माँ डांटना छोड़ देती है ।। गुड मॉर्निंग।।