दुविधा ***** माना सफर कठिन हैं लेकिन, अपना भी कम उत्साह नहीं। जहाँ चाह हो सच्ची गर तो, क्या सच में कोई राह नहीं? लाख कड़ी हो धूप जीवन में, शायद पथ में छाँह नहीं। थाम ले जो गिरते हुए को, क्या सच में कोई बाँह नहीं? होंगे कई संभालनेवाले, हम खुद पर बस गिरकर देखें। हुआ जो मुक्त, मुक्ता हुआ वो, बारिश की बूंदों को वेखें। #shatyagashi #confusion #motivation