स्वदेश चलो स्वदेश का गीत गाए । चलो हाथ से हाथ मीलाए । कुचलकर सर दुशमनों का , चलो हिमालय चुम आए । चलो देश का ऋण चुकाए । क्रांती और वैराग्य लाए । फीर दिल्ली मे सुभाष लाए , और सारनाथ मे बुद्ध लाए । लक्ष्मी के तलवारों का , आज़ाद के हुंकारो का , फीर एकबार जयगान गाए , चलो स्वदेश का गीत गाए । न डरे हम गोलीयों से , न नीती के बोलीयों से , देश प्रेम की भावना से , मशाल-ए-हिंद जला आए । भुल गए जो जलीयाँवाला , भुल गए जो घाटी प्यारा , उनको फिर से याद दिलाए , चलो स्वदेश का गीत गाए । ------RAG The rhyming of RAG #स्वदेश #yqbaba #yqhindi #yqdidi #yqindia #yqrepublicday2022 #yqquotes