जरूरत थी मुझे जब अपनों की, तब अपना कोई ना था मुश्किल की घड़ी में हाथ थाम के, चलने वाला कोई ना था राह में साथी बहुत थे, पर साथ देने वाला कोई ना था तकलीफों में खयाल क्या है, पूछने वाला कोई ना था रोज हमें अपना कहने वाले, आज कोई अपना ना था हमेशा डिस्चार्ज रहने वाला ये फोन, आज बंद ना था कोई पूछ ले अपना हाल, ऐसा अपना कोई ना था हमेशा कहीं जाने वाला वो रास्ता, आज कहीं भी ना था ©Ankit Rathi मेरे खाली जज़्बात बोल जाते है तुम्हारी याद में ही डोल जाते है #Missing #loneliness #alone #akelapan #veeraniyan