"सुख का सूरज" कब उगेगा सुख का सूरज इन अंधियारी रातों से। विपदाओं के बादल बरसे रह -रह कर इन आंखों से।। दीप जलाता हूँ इस दिल में अंधियारा मिटाने को । न जाने क्यों दीप न जलता कष्ट रूपी इस आंधी में।। कब उगेगा सूख का सूरज इन अंधियारी रातों से। आशाओं का सूरज दिखता बिजली के सन्नाटों में।। विपदाओं के बादल बरसे रह रह कर इन आंखों से। इन्द्रधनुष बनकर चमकेंगे विपदाओं के बादल में जब उगेगा सूख का सूरज इन अंधियारी रातों से।। ©INDIANTRUST.IN ( BY VISHNU SAINI) #jaishrishyam #harekasahara #sukhkasuraj #lonely