Nojoto: Largest Storytelling Platform

यूँ तो मैं थोड़ा पागल थोड़ा तनहा हु अपनी मस्ती में

यूँ तो मैं थोड़ा पागल थोड़ा तनहा हु 
अपनी मस्ती में चूर 
रंग से थोड़ा गहरा हु 
फिर भी ठहरा हु 
उसके आने की आस में 
 बित्ते वक़्त का पहरा हु बी++@+
यूँ तो मैं थोड़ा पागल थोड़ा तनहा हु 
अपनी मस्ती में चूर 
रंग से थोड़ा गहरा हु 
फिर भी ठहरा हु 
उसके आने की आस में 
 बित्ते वक़्त का पहरा हु बी++@+