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नर में वही बस राम है जो आता औरों के काम है। नार

 नर में वही बस राम है
 जो आता औरों के काम है।

नारी में बस वही सीता है
जो हर संकट में, साथी के साथ जीता है। 

बुढ़ापा की एक ही  प्यास
संतान ही अंतिम आस है।

पवित्र वही एक माटी है
जहां सहयोग में अपनो की लाठी है

मित्रता वहां तक जाता 
जहां दौलत भी नहीं जा पाता है।

दुनिया में बस निराशा है
प्रेम एक मात्र विकल्प और आशा है।

©Rohit parmar
  #ramsita 
#सुंदरविचार