मोहब्बत में बग़ावत 🥀🥀🥀🥀🥀🥀 मोहब्बत ना करना कभी हंसी मौत है यह, फिर क्यों चाहतें दुनिया से अदावत करती है, बहा के अपने लहू का कतरा - कतरा, क्यों मोहब्बत की हिफ़ाज़त करती है, मैं धूप बन के चमकू आफताब पर , वो आंसूओं के तोहफे से उल्फत करती हैं, जहां से बेखबर यादों के साए में जीना, क्यों यह मोहब्बत दिल से बगावत करती हैं, चांँद हमसफ़र है मेरा जी चुका हूं पलों में जिंदगी मैं, फिर क्यों दुनिया मेरी पसंद से मलामत करती हैं, महबूब मेरा , मेरी पूजा, मेरी बंदगी है, क्यों दो दिलों में फांसले कर दुनिया शरारत करती हैं, जिस्म का सौदा नहीं रूहों का मिलन है यह, पाक नफ्स को कैद कर क्यों दुनिया तिजारत करती हैं। #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #मोहब्बतमेंबग़ावत #kksc14