यारियां भी ऐश बड़ी मस्त होती थी हर पल खुशियों के संग सोती थी कुछ न कुछ नया करने को आतुर रहती थी अब यार वही है बस यारियां कही खो गई है मौसम वही है बस वो मुस्काने कही रह गई है इन कागज के टुकड़ों में सिमट कर रह गई है