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" रात सवालों में उलझा हो और सुबह जिसका जवाब हो उस

" रात सवालों में उलझा हो
और सुबह जिसका जवाब हो
उस गम का अंदाजा किसे
जो दिन और रात बेहिसाब हो "
   - विशाल चौबे अज्ञात गम बेहिसाब हो
" रात सवालों में उलझा हो
और सुबह जिसका जवाब हो
उस गम का अंदाजा किसे
जो दिन और रात बेहिसाब हो "
   - विशाल चौबे अज्ञात गम बेहिसाब हो

गम बेहिसाब हो