मौत का भी स्टैल बदल गया ना तुलसी ना गंगाजल ना किसी के कंधे का सहारा ना कोई विश्राम ना राम राम बस सीधा पैकिंग ओर शमशान माटी का संसार है खेल सके तो खेल बाज़ी रब के हाथ है बाकि सबकुछ फेल ©Parmar Suresh Sureshkumar #Drops