a-person-standing-on-a-beach-at-sunset लो लोहरी भी आ गई अब तो सारे गिले शिकवे इस अग्नि में स्वाहा कर दो आओ हम मिलके सारी बंदिशें सारी मुसीबतों को जला दें यूँ मिले हम कि ना कर सके कोई अलग इक दूजे को जैसे मिल कर एक हो जाती है गुड और तिल जैसे घुल जाती है मिठास महक जाती है फिजाएँ ऐसे ही महक उठे जीवन हमसब का नये फसल से भर जाता है घर बार जैसे ऐसे भरे जीवन में सबके इक दूजे का प्यार और विश्वास..! ©Shipra Pandey ''Jagriti' #Lohari