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आज अरसे बाद कोई अक्स उभर रहा है, ज़ेहन में, सुनों,

आज अरसे बाद कोई अक्स उभर रहा है, ज़ेहन में,
सुनों, क्या ये तुम हो...?
हमे तो लगा था, तुम्हे ख्यालों से भी दूर कर चुके है,
पर वही एहसास, क्या ये तुम हो...?
यक़ीनन, मुमकिन नही यादों को मिटा देना यूँ ही,
पर एक अरसे बाद, क्या ये तुम हो...?
अब नही जाना हमे, फिर से राह-ए-मोहब्बत में,
ग़ौर से सुनों, अगर ये तुम हो...!!!

©Bhushan Rao...✍️ #NojotoWriterClub

#coldmornings 

 Sanju Singh Amita Tiwari Adhury Hayat Sudha Tripathi Chanchal's poetry  Rahil
आज अरसे बाद कोई अक्स उभर रहा है, ज़ेहन में,
सुनों, क्या ये तुम हो...?
हमे तो लगा था, तुम्हे ख्यालों से भी दूर कर चुके है,
पर वही एहसास, क्या ये तुम हो...?
यक़ीनन, मुमकिन नही यादों को मिटा देना यूँ ही,
पर एक अरसे बाद, क्या ये तुम हो...?
अब नही जाना हमे, फिर से राह-ए-मोहब्बत में,
ग़ौर से सुनों, अगर ये तुम हो...!!!

©Bhushan Rao...✍️ #NojotoWriterClub

#coldmornings 

 Sanju Singh Amita Tiwari Adhury Hayat Sudha Tripathi Chanchal's poetry  Rahil