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सावन की ना पेहले सी बरसात रही अब जाग के गुजारी न

सावन की ना पेहले सी 
बरसात रही अब

जाग के गुजारी
न वो रात रही अब

भले ही आसान बहोत
हो चुकी है ज़िन्दगी

मगर पेलहे जैसी ज़िन्दगी में कहां
 वो बात रही अब

©vikaaj gill मैंने सही कहा यान.....?

#Drops
सावन की ना पेहले सी 
बरसात रही अब

जाग के गुजारी
न वो रात रही अब

भले ही आसान बहोत
हो चुकी है ज़िन्दगी

मगर पेलहे जैसी ज़िन्दगी में कहां
 वो बात रही अब

©vikaaj gill मैंने सही कहा यान.....?

#Drops
vikraajgill6450

vikrajgill

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