हमें अफसोस है कि नहीं उसार सके तेरे सपनों का भारत, पर हम सीना तान कर तेरी शहादत पर पहरा देने की बात रोज करते हैं, रोज लगती है जहां जमीरों और दिमागों को गिरवी रखने की मंडी, और तेरी मिट्टी पर खड़े हो कर ही हम इसे गिरवी धरते हैं, कभी लौट कर ना आना नहीं तो हम नहीं तुम ही हो जाओगे शर्मसार, क्योंकि तेरे दिए नारों पर ही तो हम रोज झूठ और फरेब का धंधा करते हैं ©Meharban Singh Josan #meharbansinghjosan #Josan #bhagatsingh #shaheed #shaheedeazam #bhagatsingh