मुझे डर है, कहीं अखबारों की सुर्खियों से रद्दी में , मैं दबा ना दिया जाऊं। तुम्हारी अन्याय से सिंचित कल्पनाओं में, मैं छिपा ना दिया जाऊं। ©Ruksar Bano #Childhood #Africa