अब उसका ज़िक्र बार-बार नहीं होता फ़िक्र तो होती हैं पर ये एहसास कई बार नहीं होता वो दूर हैं तो दूर ही सही पास रहे अब ये फरमान भी नहीं होता इस क़दर दगा दिया हमें कि अब खुद पर भी विश्वाश जल्दी नहीं होता अपना बनकर इस क़दर तोड़ा उसने कि अब अपनों से भी अपनेपन का आगाज़ नहीं होता #zikr#sadpoetry#nojotopoetry#thanksnojoto