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मैं जितना समझ सका उसके आवरण से समझा उसको वो बंद कि

मैं जितना समझ सका उसके आवरण से समझा उसको
वो बंद किताब था तमाम उम्र कभी खुला ही नहीं #किताब
मैं जितना समझ सका उसके आवरण से समझा उसको
वो बंद किताब था तमाम उम्र कभी खुला ही नहीं #किताब