बस इतनी सी गुज़ारिश थी मैं जैसा हूँ, वैसा पाना नहीं भी रहा तो, सफर रहेगा प्यार तो तुम बहुत रखती हो एक अंजान शख्स को क्या पता हाथ देने की वो वजह रखना, सफर रहेगा ना मुश्किलें रहीं, ना आराम रहा खानदान की रिवायत, पर रखना रफाकत हो, रफाकत रहना, सफर रहेगा क्या सही हो और क्या गलत हो इस खुदगर्ज़ी को अलविदा कहना अल्ला की बंदी बनी रहना, सफर रहेगा ये मेरा घर और वो तेरा घर मौसम की बदमिजाजी से मत डरना मुल्क में रहना, सफर रहेगा कलम से ना इम्तेहान देना फर्ज से ना रखना डर कबीर बन जाना, सफर रहेगा अपनी आँखों में पनाह देना पलक ना झपकाना, सफर रहेगा बस इतनी सी गुज़ारिश थी। "बस कवि बन जाना" तृतीय विवाह वर्षगांठ पर प्रियंका तुमसे, बस इतनी सी गुजारिश। #12may #प्रियप्रियंका #विप्रणु #love आपकी शाम और भी ख़ूबसूरत हो, इस कामना के साथ ये