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White जिन्दगी बता,मैं क्या हूं। दरिया हूं कि सहरा

White जिन्दगी बता,मैं क्या हूं।
दरिया हूं कि सहरा हूं।
कभी टुट टुट कर बरसा हूं।
कभी एक बुन्द को तरसा हूं।
किस्मत अब तू ही कुछ कह,
किसके हाथ का मोहरा हूं।
जीवन की बिछी विसात पर 
पासे सा मैं, बिखरा हूं।
जिन्दगी बता, मैं क्या हूं।
दरिया हूं कि सहरा हूं।
आंखों से सपने रुठे हैं।
मन के सागर सब सुखे हैं।
मेले से लगे हैं अपनों के,
फिर भी प्यार के भूखे हैं।
दुविधा के गालों पर मैं 
अश्रु बूंद सा ठहरा हूं।
जिंदगी बता, मैं क्या हूं।
दरिया हूं कि सहरा हूं।

©Nilam Agarwalla #sad_shayari
by abhinandan

#sad_shayari by abhinandan

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