White कच्ची उम्र, कच्चा बांस, बिजली खूब यौनाभास, तार नाजुक जो दिखे हैं, दूर उससे ही रखना। नरमी में नमी भरी ज्यों, हो न जाए दुर्घटना। धागा कच्चा, पक्का न कुछ, सूखा हो,भिगो न देना । रूखा सूखा रुख अच्छा, बाद में पड़े रो न देना । वहां भी एक नमी है, आंसू पर काबू हो। जो भी हो,हित किशोर का, जादू हो, जादू हो। ©BANDHETIYA OFFICIAL #Thinking #अभिभावक किशोर किशोरी के! मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे शायरी मोटिवेशनल मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स