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आज के समय कौन रोता है किस के लिए हर एक को आगे बढ़ना

आज के समय कौन रोता है किस के लिए
हर एक को आगे बढ़ना है खुद ही के लिए
जीवन है बहती नदिया और बहते जाना है
रास्ता बनाना है ले पतवार हाथों में खुद ही
तूफ़ानों से टकरा संतुलन बनाना है खुद ही
समय वह भी आता है आगे चलते रहने पर
होंसला टूटता है और बिखर जाता मन भी
होंसले को जोड़ना;मन को समेटना खुद ही
गहन निशा फैला देती भय का वतावरण भी
मन में साहस भरना होता है ऐसे में खुद ही
दुःख-रात्रि के बाद आनन्दमयी सुबह भी है
मन को यकीन दिलाना होता है  हर पल ही
आज के समय में कौन रोता है किसके लिए
रोकर आँसू पोंछ मुस्काना होता है खुद ही...!
मुनेश शर्मा मेरी ✍️🌈🌈🌈
 कौन रोता है
किसी के लिए!
#रोताहै #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
आज के समय कौन रोता है किस के लिए
हर एक को आगे बढ़ना है खुद ही के लिए
जीवन है बहती नदिया और बहते जाना है
रास्ता बनाना है ले पतवार हाथों में खुद ही
तूफ़ानों से टकरा संतुलन बनाना है खुद ही
समय वह भी आता है आगे चलते रहने पर
होंसला टूटता है और बिखर जाता मन भी
होंसले को जोड़ना;मन को समेटना खुद ही
गहन निशा फैला देती भय का वतावरण भी
मन में साहस भरना होता है ऐसे में खुद ही
दुःख-रात्रि के बाद आनन्दमयी सुबह भी है
मन को यकीन दिलाना होता है  हर पल ही
आज के समय में कौन रोता है किसके लिए
रोकर आँसू पोंछ मुस्काना होता है खुद ही...!
मुनेश शर्मा मेरी ✍️🌈🌈🌈
 कौन रोता है
किसी के लिए!
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