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जो शहर मुक्कम्मल सा था बेशक आज वो गाँव बे_घर भीं

जो शहर मुक्कम्मल सा था बेशक 
आज वो गाँव बे_घर भीं नहीं....

जो गुजरती थी वो बेसब्र सी गलियों से 
यूं हमसे मुखातिब होकर
आज वो वीरान रास्ते बे_मंजिल भी नहीं.....!

©Ankit Ghosh
  #बीरान रास्ते
ankitghosh1683

Ankit Ghosh

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#बीरान रास्ते

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