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है रात एक तन्हा बादलों से ताकती, पूछती-निहारती, बा

है रात एक तन्हा बादलों से ताकती,
पूछती-निहारती, बातों को टालती
क्या कहीं कोई और भी मुझसा यहाँ
उसके जैसा ही जागता सा तन्हा यहाँ
ले सवाल एक वो चाँद की ओट से
ढूंढ़ती साथ वो, साथी एक तलाशती
रात है तो क्या हुआ, ख़्वाहिशें तो हैं ना
सफ़र बस सुबह तलक, ये भी है जानती
है रात एक तन्हा वो बादलों से ताकती.. #Night 
#nightthoughts 
#naval_poetry
#LateNight
है रात एक तन्हा बादलों से ताकती,
पूछती-निहारती, बातों को टालती
क्या कहीं कोई और भी मुझसा यहाँ
उसके जैसा ही जागता सा तन्हा यहाँ
ले सवाल एक वो चाँद की ओट से
ढूंढ़ती साथ वो, साथी एक तलाशती
रात है तो क्या हुआ, ख़्वाहिशें तो हैं ना
सफ़र बस सुबह तलक, ये भी है जानती
है रात एक तन्हा वो बादलों से ताकती.. #Night 
#nightthoughts 
#naval_poetry
#LateNight