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तुम मुझ से अलग कब हो, मैं तुम से जुदा कहां हूं। पा

तुम मुझ से अलग कब हो, मैं तुम से जुदा कहां हूं।
पानी में में कमल जैसे रहते हो मुझ ही में तुम।।
देखूं तो तुम्हे देखूं सोचूं तो तुम्हे सोचूं ।
सागर में नदी जैसे बहते हो मुझ ही में तुम।। दीवानगी
तुम मुझ से अलग कब हो, मैं तुम से जुदा कहां हूं।
पानी में में कमल जैसे रहते हो मुझ ही में तुम।।
देखूं तो तुम्हे देखूं सोचूं तो तुम्हे सोचूं ।
सागर में नदी जैसे बहते हो मुझ ही में तुम।। दीवानगी
mohdarif2409

Mohd. Arif

New Creator

दीवानगी