मेरी ज़िंदगी में सुबह की धूप और सुहानी शाम हो तुम सुख में हंसीन मुस्कुराहट तुमसे ज़ख्म में मरहम हो तुम मेरी सांसों की ख़ुशबू और दिल की धड़कन भी हो तुम मेरी ज़िंदगी के खाली मका में ज़िंदगी की ज़रूरत हो तुम मेरी इबादत में तुम मेरी हर दुआओं में तुम मेरी ज़िंदगी की पहली और ,आखिरी ख़्वाहिश हो तुम मेरी ज़िंदगी में सुबह की धूप और सुहानी शाम हो तुम सुख में हंसीन मुस्कुराहट तुमसे ज़ख्म में मरहम हो तुम मेरी सांसों की ख़ुशबू और दिल की धड़कन भी हो तुम मेरी ज़िंदगी के खाली मका में ज़िंदगी की ज़रूरत हो तुम मेरी इबादत में तुम मेरी हर दुआओं में तुम मेरी ज़िंदगी की पहली और ,आखिरी ख़्वाहिश हो तुम