Nojoto: Largest Storytelling Platform

बे - नूर हो जुगनूँ सरिस, जब हूर ना टकरा सके। नीलमण

बे - नूर हो जुगनूँ सरिस, जब हूर ना टकरा सके।
नीलमणि की रुचिर आभा,भी न समता पा सके।
हो कांति हीरे की तिरोहित छुप गई खुद शर्म से,
फिर चांँद में जुर्रत कहां, जो सामने वह आ सके।
अरुण शुक्ल अर्जुन 
प्रयागराज 
(पूर्णत: मौलिक स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित) #forher
 मुसाफिर....  Ravi Sagar यज्ञेश्वर वत्स Shivani Keshari gajju gjendra  Aman Verma
बे - नूर हो जुगनूँ सरिस, जब हूर ना टकरा सके।
नीलमणि की रुचिर आभा,भी न समता पा सके।
हो कांति हीरे की तिरोहित छुप गई खुद शर्म से,
फिर चांँद में जुर्रत कहां, जो सामने वह आ सके।
अरुण शुक्ल अर्जुन 
प्रयागराज 
(पूर्णत: मौलिक स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित) #forher
 मुसाफिर....  Ravi Sagar यज्ञेश्वर वत्स Shivani Keshari gajju gjendra  Aman Verma