फ़रियाद करने बैठा फ़रियाद साहेब जो तुमसें, उलझ बैठा मैं खुद ही खुदसें। तु निर्गुनिया साधो में कंजर फ़रियादी, तु देखता ना जात पात मैं मानुष बेबुनियादी। ©फक्कड़ मिज़ाज अनपढ़ कवि सिन्टु तिवारी #फ़रियादी