दिन हो अमा,रात पूर्णिमा, उसपे गहन, सूर्य -चंद्रमा - दोनों के दोनों हों ग्रस्त, इससे अधिक न पल हैं त्रस्त, इतिहास सबपे किये टीका, आंकेगा क्या है वो टीका - चंदन,चूना वो कलंक, रात अंधेरी खो मयंक! ©BANDHETIYA OFFICIAL #दिन रात बराबर हैं! #bekhudi