जो है उसमें ही खुश रहना सीखे पर चिंता रहें हमेशा इतना पीछे रह जाऊँगा जोर लगा के दौडू उम्रभर का सपना एक डोर पर है अटका जो डोर वो ही टूटे तो कौन सा अब पकड़ू... Read Caption... ~sudhiraag ©सुधीर कौन से सपने जोड़ू कौन से सपने छोड़ू अपनी मर्जी से भी कुछ अपने मन को मोडू कभी लगे सब कुछ है कभी लगे सब खाली कितना हाथ को फैलाऊँ कितना हाथ मैं जोड़ूँ