यूं देखा ना करो मुस्कुरा के सीने में न जाने कितनी बिजलियाँ गिरती है तुम तो चले जाते हो तुम्हारा क्या है हम गरीबों की तो जान पर आ बनती हैं @ विकास बिजलियाँ