ओ बदरा प्यारे सूखे जीवन में तू तो मत तड़पा रे...!! इस सूरज की तपिस पे तू छा जा रे, भीषड़ गर्मी में तू रहनुमा बन जा रे...!! घनघोर घटाओ वाले मेघ तू जल्दी आ रे, कई उम्मीदों का बोझ तुझपे हुआ है टिका रे...!! लाचार नजरो से आसमान में रहे निहार हम, सूखे धरती के कंठ में है अब जल कम...!! तू ही है आस इस दिल की जहा टूट रहा मन, आ बरष झूम-झूम और मिटा जा सारे गम...!! तृप्त कर मेरे घर का ये सूखा आँगन, नाचे हम भी देख देख गगन....!! बदरा प्यारे जल्दी आ जा, नहीं लगता बिन तेरे अब मेरा मन...!! तू है मेरी खुशियों वाला धन, बिन तुम सूखा पड़ा है ये जीवन...!! -©Saurabhn Yadav...✍️ #barish #saavan #sydiary