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किसी को हद से ज्यादा चाहना भी सजा है खुद के लिए, ल

किसी को हद से ज्यादा चाहना भी सजा है खुद के लिए,
लोग अक्सर धोखा दे देते हैं प्यार में।
जिदंगी जिसे बना लेते हैं वो अपनी,      पलभर में उस रिश्ते को रौंदकर चले जाते वे। प्यार में सच्चाई,निश्छलता और विश्वास होना ही प्यार को पवित्र बनाता है।           हमारे रिश्ते किसी के लिये भी हो माता-पिता,भाई -बहिन,दोस्त लेकिन उनमें प्यार और सच्चाई होनी चाहिये तभी ठहरते हैं जीवन में।
किसी को हद से ज्यादा चाहना भी सजा है खुद के लिए,
लोग अक्सर धोखा दे देते हैं प्यार में।
जिदंगी जिसे बना लेते हैं वो अपनी,      पलभर में उस रिश्ते को रौंदकर चले जाते वे। प्यार में सच्चाई,निश्छलता और विश्वास होना ही प्यार को पवित्र बनाता है।           हमारे रिश्ते किसी के लिये भी हो माता-पिता,भाई -बहिन,दोस्त लेकिन उनमें प्यार और सच्चाई होनी चाहिये तभी ठहरते हैं जीवन में।

प्यार में सच्चाई,निश्छलता और विश्वास होना ही प्यार को पवित्र बनाता है। हमारे रिश्ते किसी के लिये भी हो माता-पिता,भाई -बहिन,दोस्त लेकिन उनमें प्यार और सच्चाई होनी चाहिये तभी ठहरते हैं जीवन में।